श्वेत पत्र (White Paper) के बारे में संक्षिप्त जानकारी

अक्सर समाचारों में एक शब्द सुनाई देता है, श्वेत पत्र (White Paper) और उसी के साथ दिमाग में सवाल उमड़ता है कि क्या होता है ये श्वेत पत्र? इसमें कुछ लिखा भी होता है या यह सफ़ेद ही रहता है? असल में श्वेत पत्र एक दस्तावेज होता है. मुख्य रूप से यह एक प्रकार का आधिकारिक लिखित दस्तावेज होता है, जिसके द्वारा सरकार, कोई अन्य संस्था किसी विषय, मुद्दे आदि पर अपनी जानकारी और विचारों को स्पष्ट करती है. इसमें किसी एक विषय से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियों का समावेश होता है.


किसी देश या फिर उनके राजनयिकों की तरफ से जारी होने वाला श्वेतपत्र एक तरह की रिपोर्ट होती है जो किसी मुश्किल मुद्दे पर सिलसिलेवार जानकारी देती है. ये विशेष रूप से उस समय जारी किया जाता है जबकि किसी समस्या पर, किसी विषय पर लोगों को समझाने का प्रयास किया जाना हो. इसके माध्यम से न केवल सरकार वरन निजी संस्थाएँ भी किसी समस्या का हल सामने रखती हैं, उससे सम्बंधित जानकारी को लोगों के बीच ले जाती हैं. इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि अभी पिछले दिनों चीन ने श्वेतपत्र जारी करके कहा कि कोरोना में उससे कोई लापरवाही नहीं हुई बल्कि उसने जानकारी मिलते ही इसकी सूचना दुनिया को दे दी थी. सरकारों की तरह, देशों की तरह ही कम्पनियाँ अपने किसी उत्पाद या किसी नई तकनीक की जानकारी लोगों के बीच ले जाने के लिए भी श्वेतपत्र जारी करती हैं.




श्वेत पत्र’ शब्द का आरम्भ ब्रिटेन से हुआ था. वर्ष 1922 में भारत में हुए हुए तत्कालीन दंगों के सम्बन्ध में  चर्चिल द्वारा श्वेत पत्र को जारी किया गया था. जिसे उस समय चर्चिल ह्वाइट पेपर के नाम से जाना गया. ऐसा माना जाता है कि यह भारत देश का पहला श्वेत पत्र था. इसके बाद जब सन 1947 में कश्मीर पर पाकिस्तान द्वारा हमला किया गया तो उसके बाद सन 1948 में भारत सरकार ने एक दस्तावेज जारी किया और उसके द्वारा अपनी तरफ से पूरी स्थिति को स्पष्ट किया था. यह भी श्वेत पत्र के नाम से जाना गया. समय-समय पर महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर लोगों की जानकारी के लिए सरकार द्वारा अनेक विषयों पर श्वेत पत्र जारी किये जाते रहे हैं. वैसे सरकार किसी नीति को लागू करने से पहले उसके बारे में समस्त जानकारियाँ एकत्र करने के लिए भी श्वेत पत्र जारी कर सकती है.


श्वेत पत्र केवल एक सरकारी दस्तावेज  ही नहीं नहीं होता है, बल्कि श्वेत पत्र को एक गैर-सरकारी संस्था, कोई कंपनी भी अपने कर्मचारियों व ग्राहकों को अपने उत्पादों की जानकारी प्रदान करने के लिए भी जारी कर सकती है. इसके अलावा मार्केटिंग के क्षेत्र की संस्था द्वारा अपने उत्पादों के प्रचार के लिए, उनको लोकप्रिय बनाने के लिए भी श्वेत पत्र जारी कर सकती है. श्वेत पत्र में उस उत्पाद या तकनीक से जुड़ी विभिन्न जानकारियां शामिल होती हैं. किसी कंपनी द्वारा जारी विस्तृत विज्ञापन सामग्री को एक तरह का श्वेत पत्र समझा जा सकता है.


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